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द गर्ल इन रूम 105

अध्याय 25

अगर बोलते समय थूक उछालना चंदन का प्रिय हथियार था, तो उस दिन वह एक ऐसे फ़ायरमैन की तरह बन गया था, जिसकी आग बुझाने वाली दमकल नियंत्रण से बाहर हो गई हो। उस दिन उसकी भावनाएं गुस्से से

पागल हो जाने से लेकर पूरी तरह आगबबूला हो जाने तक चली गई थीं। 'दो हफ्ते पीक मध्य के बीच में। और इसके बावजूद मैंने तुम लोगों को जाने दिया। मैंने ' चंदन ने अपने मुंह के चार फीट के दायरे में आने वाली हर चीज़ पर गुटखा और थूक के छींटे उछालते हुए कहा ।

'मैं बीमार हो गया था, सर। गैस्ट्रोएंट्राइटिस, मैंने कहा। सौरभ और मैंने चंद मिनट पहले ही 'पेट के इंफ़ेक्शन' को गूगल किया था। "ये क्या होता है?" चंदन ने अपने गुटखे को ज़ोर से चबाते हुए कहा।

"गैस्ट्रोएंट्राइटिस, जिसे इंफेक्शियस डायरिया भी कहते हैं, गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट में आई एक ऐसी गड़बड़ी

का नाम है, जो पेट और छोटी आंत को प्रभावित करती है, मैंने विकीपीडिया पेज की पहली पंक्ति को जस का तस दोहराते हुए कहा।

चंदन ने मेरी तरफ देखा उसका मुंह चढ़ गया था।

'इसके लक्षण में पेचिश, उल्टी और पेट का दर्द शामिल हैं। बुखार, ऊर्जा की कमी और डिहाइड्रेशन भी हो सकता है, ' सौरभ ने भी विकीपीडिया के विवरण को दोहराते हुए कहा ।

"तुम लोग जेईई पढ़ाते हो या मेडिकल?' चंदन ने कहा ।

'जेईई, सर'

"तो फिर मेडिकल की भाषा क्यों बोल रहे हो?"

'सॉरी, सरा' 'तीन हफ्ते तक तुम लोग गायब रहे। मैं इसका पैसा तुम्हारी तनख्वाह में से काट लूंगा।' तो क्या इसका ये मतलब था कि यह इडियट हमें नौकरी से नहीं निकालने जा रहा था? तब ठीक है, पे-कट

से मेरा काम चल सकता था।

"जी, सर, मैंने दो बार खांसते हुए कहा। बीमारी का बहाना करने पर खांसना जरूरी हो जाता है। 'अब मैं उम्मीद करता हूं कि तुम लोग इस जाया हुए वक्त की भरपाई के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस लोगे।'

'हम करेंगे सर हमें बस कुछ और दिनों की छुट्टी चाहिए, मैंने कहा।

"और छुट्टियां?" चंदन ने इतनी जोर से कहा कि बाहर की क्लासेस ने भी सुन लिया होगा।

'मेडिकल टेस्ट्स, सर, सौरभ ने कहा 'इसने रिकवर तो कर लिया है, लेकिन अभी कुछ टेस्ट्स करवाते हैं।'

''तो क्या इसके लिए तुम लोग फिर से श्रीनगर जाओगे?' 'नहीं, सर यहीं दिल्ली में काम हो जाएगा। बस दो-तीन दिन और 'मैंने कहा।

"हां तो तुम जाओ, मनीष को क्यों ले जा रहे हो?"

'मेरा नाम सौरभ है, सरा चंदन ने उसकी और शक की नज़र से देखा।

"तुम्हारा नाम सौरभ है?"

'जी, सरा और अस्पताल में इसकी मदद के लिए कोई तो होना चाहिए ना।' "मेरी कमजोरी अभी तक गई नहीं है, सर मैंने पांच बार खांसते हुए कहा। चंदन ने अपनी कुर्सी को बोड़ा पीछे खिसका लिया, जैसे मुझसे कुछ और इंच दूर होने से वो बीमारी के विषाणुओं से बच जाएगा।

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